डेस्क।। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने राजनीतिक सभाओं में हो रही भीड़ और कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर बुधवार को सख्त नाराजगी जताई। जस्टिस शील नागू की बेंच ने कहा कि अब से ग्वालियर सहित सभी नौ जिलों के कलेक्टर राजनीतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दे सकेंगे। इसके लिए कलेक्टरों को पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।
कोर्ट ने दतिया व ग्वालियर कलेक्टर को कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन मामले में केंद्रीय मंत्री व मुरैना सांसद नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही इसकी रिपोर्ट कोर्ट में देने को कहा।
सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और सैनिटाइजर का उपयोग करने के नियम का पालन नहीं किया !
- हाईकोर्ट ने कहा- एक ओर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत प्रत्याशियों को जनसंपर्क करने का अधिकार प्राप्त है तो दूसरी ओर देश का संविधान लोगों को जीने और स्वस्थ रहने का अधिकार देता है।जिस तरह से राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार किया जा रहा है, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और सैनिटाइजर का उपयोग करने के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसा कर लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर को मोदी हाउस में तोमर और भांडेर के कार्यक्रम में कमलनाथ शामिल हुए थे। भांडरे थाने में कमलनाथ पर पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है। दोनों ही कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड गाइडलाइन के नियम ताक पर रख दिए गए थे। मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।