लगातार बर्फीली हवाएं चलने से राजधानी भोपाल सहित पूरा प्रदेश ठिठुरने लगा है। विशेषकर प्रदेश का उत्तरी भाग बीते तीन दिन से शीतलहर की चपेट में है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से 17 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन हवा के रुख में बदलाव से शुक्रवार से न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने लगेगी।
राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पिछले तीन दिन से तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है। इसकी वजह हवा का रुख लगातार उत्तरी बना रहना है। दरअसल पिछले दिनों उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। इस वजह से समूचा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। वहां से आ रही सर्द हवाओं के कारण ही दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज होने लगी है। इससे ठिठुरन बढ़ गई है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। इससे हवाओं का रुख भी उत्तरी बना हुआ है। वातावरण में नमी भी काफी कम हो गई है। इससे आसमान पूरी तरह साफ है। मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है। इस तरह का मौसम 17 जनवरी तक बना रहने की संभावना है। शुक्ला के मुताबिक एक प्रति चक्रवात महाराष्ट्र और कर्नाटक के पास बना हुआ है। हालांकि यह सिस्टम काफी दूर सक्रिय है, लेकिन इसके प्रभाव से बीच-बीच में हवा का रुख पूर्वी होने लगा है। इस वजह से शुक्रवार से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र से शीतलहर से राहत मिलने की संभावना है। साथ ही फसलों पर पाला पड़ने की आशंका भी समाप्त हो जाएगी। संक्रांति पर्व के बाद दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज होने लगेगी।